Bhagavad Gita Updesh श्रद्धात्रय विभाग योग Best Part 17

Bhagavad Gita Updesh श्रद्धात्रय विभाग योग – मन की शांति, सौम्यता, मौन, आत्म-संयम, एवं हृदय की निर्मलता को मन की ...
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Bhagavad Gita Updesh दैवासुर संपद विभाग योग Best Part 16

Bhagavad Gita Updesh दैवासुर संपद विभाग योग – ऐसे लोग, जो भ्रष्ट एवं अल्पबुद्धि होते हैं, वे दुनिया के विनाश ...
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Bhagavad Gita Updesh पुरुषोत्तम योग Best Part 15

Bhagavad Gita Updesh पुरुषोत्तम योग – अपनी शक्तियों से मैं पृथ्वी में प्रवेश करता हूं और सभी जीवो का पालन ...
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Bhagavad Gita Updesh गुणत्रय विभाग योग Best Part 14

Bhagavad Gita Updesh गुणत्रय विभाग योग – मैं ही अमर, अविनाशी ब्रह्म-ज्योति का आधार हूं, जो सनातन धर्म और परम ...
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Bhagavad Gita Updesh प्रकृति-परुुष विवेक योग Best Part 13

Bhagavad Gita Updesh प्रकृति-परुुष विवेक योग – इच्छाहीनता, विनम्रता, अहिंसा, सहिष्णुता, सादगी, आध्यात्मिक गुरु की सेवा, पवित्रता, दृढ़ता,आत्म-नियंत्रण, इंद्रिय संतुष्टि ...
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Bhagavad Gita Updesh भक्ति योग Best Part 12

Bhagavad Gita Updesh भक्ति योग – वह जो मित्र और शत्रु दोनों के लिए समान रहे, यश और अपयश, गर्मी ...
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Bhagavad Gita Updesh विश्वरूपदर्शन योग Best Part 11

Bhagavad Gita Updesh – मैं आपके रूप को सर्वत्र देख रहा हूं, जो अनेकों मुकूटों, गदाओं, तथा चक्र से विभूषित ...
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Bhagavad Gita Updesh विभूति योग Best Part 10

Bhagavad Gita Updesh– मैं आदित्ययों में विष्णु हूं, मैं रुद्रो में शिव हूं, वाणी में दिव्य ओंकार (ॐ) हूं,शस्त्र चलाने ...
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Bhagavad Gita राजगुह्य योग Best Part 9

Bhagavad Gita राजगुह्य योग– मैं ही अनुष्ठान हूं, मैं ही यज्ञ हूं, मैं ही अर्पण हूं, मैं ही पवित्र औषधि ...
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Gita Updesh तारक-ब्रह्म योग Part 8 Best Gyan

Gita Updesh– ब्रह्मा के एक दिन में 1000 युग होता है, और उनकी रातें भी इस अवधि तक रहती हैं| ...
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